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    • साईं बाबा व्रत पूजा | Shri Sai Baba Vrat - Shirdi Sai Baba (Sai Vrat Udyapan)

      साई बाबा व्रत को कोई भी व्यक्ति कर सकता है. इस व्रत को करने के नियम भी अत्यंत साधारण है. साई बाबा अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करते है. उनकी कृ्पा से सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है. मांगने से पहले ही वे सब कुछ देते है. उनके स्मरण मात्र से जीवन में आ रही बाधाओं में कमी होती है. कहा भी जाता है, कि शिरडी वाले श्री साईं बाबा कि महिमा का कोई और ओर छोर नहीं है. साईं बाबा पर पूरा विश्वास करने वालों को कभी निराशा का सामना नहीं करना पडता है.  साई बाबा 9 गुरुवार व्रत | 9 Thursday Sai Vrat  साई बाबा व्रत को कोई भी साधारण जन कर सकता है. यहां तक की बच़्चे भी इस व्रत को कर सकते है.  साई बाबा अपने भक्तों में किसी प्रकार का कोई भेद भाव नहीं करते है. उनकी शरण में अमीर-गरीब या किसी भी वर्ग का व्यक्ति आये  उसकी कार्य सिद्धि अवश्य पूरी होती है.  साई बाबा व्रत एक बार शुरु करने के बाद नियमित रुप से 9 गुरुवार तक किया जाता है. इस व्रत को कोई भी व्यक्ति साई बाबा का नाम लेकर शुरु कर सकता है.  व्रत करने के लिये प्रात: स्नान करने के बाद साई बाबा की फोटो की पूजा कि जाती है. साई बाबा की फोटों लगाने के लिये सबसे पहले पीले रंग का वस्त्र बिछाया जाता है. इस पर साई बाबा की प्रतिमा या फोटो लगाई जाती है. इसे स्वच्छ पानी से पोंछ कर इसपर चंदन का तिलक लगाया जाता है.  साई बाबा की फोटों पर पीले फूलों का हार चढाना चाहिए. अगरबती और दीपक जलाकर साई व्रत की कथा पढनी चाहिए. और साई बाबा का स्मरण करना चाहिए. इसके बाद बेसन के लड्डूऔं का प्रसाद बांटा जाता है. इस व्रत को फलाहार ग्रहण करके किया जा सकता है. या फिर के समय में भोजन करके किया जा सकता है. इस व्रत में कुछ न कुछ खाना जरुरी है, भूखे रहकर इस व्रत को नहीं किया जाता है.  इस प्रकार व्रत करने के बाद 9 गुरुवार तक साईं बाबा के मंदिर जाकर दर्शन करना भी शुभ रहता है. घर के निकट साई बाबा मंदिर न होने पर घर में भी साई फोटों की पूरी श्रद्वा से पूजा करनी चाहिए. किसी भी स्थान पर हों, व्रत की संख्या 9 होने से पूर्व इसे मध्य में नहीं छोडना चाहिए.  साई बाबा व्रत उद्धापन | Sai Baba Vrat Udyapan  शिरडी के साई बाबा के व्रत की संख्या 9 हो जाने पर अंतिम व्रत के दिन पांच गरीब व्यक्तियों को भोजन और सामर्थ्य अनुसार दान देना चाहिए. इसके साथ ही साई बाबा की कृ्पा का प्रचार करने के लिये 7, 11, 21 साई पुस्तकें, अपने आस-पास के लोगों में बांटनी चाहिए.  इस प्रकार इस व्रत को समाप्त किया जाता है.     शिरडी साई बाबा चमत्कार | Sai Baba Miracles भारत प्राचीन काल से ही धार्मिक आस्था और पूजा-उपासना में विश्वास करने वाला देश रहा है. यहां कई धर्म और वर्ग और संस्कृ्तियां अलग - अलग होकर भी एक साथ रहती है. इसके साथ ही भारत में अनेक संत-महापुरुषों ने जन्म लिया. कई संतों के द्वारा किये गये चमत्कार आज भी चर्चा का विषय रहे है.  शिरडी के साई बाबा के चमत्कार की अनेक कथाएं प्रचलित है.  शिरडी के साई बाबा पर देश के करोडों लोगों की अगाध श्रद्धा है. सभी धर्मों के लोग यहां साई बाबा दर्शन के लिये आते है. यही कारण है कि साई बाबा संस्थान की प्रसिद्धि भी इसके साथ ही बढती जा रही है.  

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मंगलवार, जून 10

Institute of Astrology, Bharatiya Vidya Bhavan


One of the Bhavan's best premier global Institute imparting knowledge of Astrology is located in the heart of the City at Kasturba Gandhi Marg, New Delhi. Present Astrology Course was started in the premises of Bharatiya Vidya Bhavan in 1987, by Shri K. N. Rao, I.A.A.S. (Retd.) a legendary astrologer of modern times. The Institute conducts Jyotish Alankar and Jyotish Acharya courses in order to encourage the study and research in Astrology. The Institute also selects eligible candidates who have passed out Jyotish Acharya course for research in Astrology under the guidance of Shri K. N. Rao. The successful researches are published in the Journal of Astrology and other publications.


RESEARCH
After successful completion of Jyotish Acharya Course one is eligible for interviews to Research Classes. All candidates who are successful in the interview will be admitted to Research Class in Astrology. Institute's decision in respect of Guide and choice of area of research to the students will be final. Attending convocation seminar is compulsory. Renewal for yearly research classes will be based on attending the convocation seminar and submission of minimum two research papers on the subject area of research. 
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